ICDS का पूरा नाम Integrated Child Development Services (एकीकृत बाल विकास सेवा) है। यह भारत सरकार द्वारा संचालित एक प्रमुख योजना है, जिसे 1975 में शुरू किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करना है।
ICDS के मुख्य उद्देश्य:
- बाल विकास: 0-6 वर्ष के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार करना।
- पोषण और स्वास्थ्य: बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पूरक पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना।
- शिक्षा: बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा (Early Childhood Care and Education – ECCE) को बढ़ावा देना।
- मातृ देखभाल: गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को पोषण और स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी प्रदान करना।
- मृत्यु दर घटाना: बच्चों और माताओं की मृत्यु दर को कम करना।
ICDS के लाभार्थी
ICDS (एकीकृत बाल विकास सेवा) योजना के लाभार्थी मुख्य रूप से 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चे, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं हैं। इस योजना का उद्देश्य इन समूहों के पोषण, स्वास्थ्य और विकास में सुधार लाना है।
विशेष रूप से, ICDS योजना निम्नलिखित व्यक्तियों को लाभान्वित करती है:
- 0-6 वर्ष की आयु के बच्चे: इस आयु वर्ग के बच्चे इस योजना के तहत पूरक पोषण, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच और पूर्व-स्कूली शिक्षा जैसी सेवाएं प्राप्त करते हैं।
- गर्भवती महिलाएं: गर्भवती महिलाओं को इस योजना के तहत विशेष रूप से पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं ताकि वे स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकें।
- स्तनपान कराने वाली माताएं: स्तनपान कराने वाली माताओं को भी इस योजना के तहत पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं ताकि वे अपने शिशु को पर्याप्त मात्रा में दूध पिला सकें।
ICDS योजना के लाभार्थी बनने के लिए कोई विशेष योग्यता नहीं है। यह योजना सभी के लिए खुली है और इसका लाभ उठाने के लिए किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र या दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होती है।
ICDS योजना के लाभ:
- पोषण: बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए पूरक आहार प्रदान किया जाता है।
- स्वास्थ्य: बच्चों को नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण की सुविधा प्रदान की जाती है।
- शिक्षा: बच्चों को पूर्व-स्कूली शिक्षा दी जाती है।
- जागरूकता: माताओं को स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के बारे में जागरूक किया जाता है।
ICDS (Integrated Child Development Services) के तहत प्रमुख घटक:
एकीकृत बाल विकास सेवा योजना (ICDS) भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार लाना है। इस योजना के तहत कई महत्वपूर्ण घटक शामिल हैं जो बच्चों के समग्र विकास में योगदान देते हैं।
Integrated Child Development Services के प्रमुख घटक:
- पूरक पोषण:
- गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 वर्ष तक के बच्चों को पूरक आहार प्रदान किया जाता है।
- यह आहार बच्चों के कुपोषण को रोकने और उनके विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है।
- टीकाकरण:
- बच्चों को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत सभी आवश्यक टीके लगाए जाते हैं।
- इससे बच्चों को कई गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है।
- स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं:
- बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण नियमित रूप से किया जाता है।
- यदि किसी बच्चे में कोई स्वास्थ्य समस्या पाई जाती है, तो उसे उचित उपचार के लिए रेफर किया जाता है।
- पूर्व-स्कूली शिक्षा:
- आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों को पूर्व-स्कूली शिक्षा दी जाती है।
- इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है और वे स्कूल के लिए तैयार होते हैं।
- स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के बारे में जागरूकता:
- माताओं और समुदाय के अन्य सदस्यों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के बारे में जागरूक किया जाता है।
- इससे वे बच्चों की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकते हैं।
- सामुदायिक भागीदारी:
- ICDS कार्यक्रम में समुदाय की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा दिया जाता है।
- इससे कार्यक्रम को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है।
ICDS का महत्व:
ICDS योजना भारत में बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण में सुधार लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना के माध्यम से, बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण मिलता है, जिससे वे एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन जी सकते हैं। ICDS (एकीकृत बाल विकास सेवा) भारत की सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी सामाजिक कार्यक्रमों में से एक है। इसका उद्देश्य 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार लाना है। यह योजना न केवल बच्चों के शारीरिक विकास में सहायक है बल्कि उनके मानसिक और सामाजिक विकास के लिए भी एक मजबूत आधार प्रदान करती है।
ICDS निम्न कारणों से अत्यंत महत्वपूर्ण है:
- कुपोषण में कमी: ICDS के तहत प्रदान किया जाने वाला पूरक पोषण बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- शिशु मृत्यु दर में कमी: नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण से शिशु मृत्यु दर में कमी आती है।
- मातृ मृत्यु दर में कमी: गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं मातृ मृत्यु दर को कम करने में सहायक होती हैं।
- बच्चों का सर्वांगीण विकास: पूर्व-स्कूली शिक्षा बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती है।
- समुदाय की भागीदारी: ICDS योजना समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देती है, जिससे कार्यक्रम को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकता है।
- लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा: ICDS योजना लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूकता: ICDS योजना के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य और स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाता है।
ICDS के अन्य लाभ:
आर्थिक विकास: स्वस्थ बच्चे भविष्य में उत्पादक नागरिक बन सकते हैं, जिससे देश के आर्थिक विकास में योगदान होता है।
समाज में समानता: ICDS योजना सभी बच्चों को समान अवसर प्रदान करती है।
अस्वीकरण
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